अनुसंधान का अर्थ

  • अनुसंधान एक प्रक्रिया है जिस में प्रदत्तों के विश्लेषण के आधार पर किसी समस्या का विश्वसनीय समाधान ज्ञात किया जाता है
  •  अनुसंधान एक व्यवस्थित तथा सुनियोजित प्रक्रिया है जिसके द्वारा मानवीय ज्ञान में वृद्धि की जाती है और मानव जीवन को सुगम तथा योग्य बनाया जाता है|
  •  अनुसंधान में नवीन तथ्यों की खोज की जाती है और नवीन शक्तियों का प्रतिपादन किया जाता है|
  •  शोध कार्यों द्वारा प्राचीन प्रत्यय तथा तथ्यों का नवीन अर्थात मन किया जाता है ऐसी परिस्थितियों की जानकारी की जाती है जिसमें विशिष्ट तथ्य क्रियाशील होते हैं तथा अन्य क्रियाशील नहीं होते हैं जबकि वे तथ्य समान प्रतीत होते हैं |
  • अनुसंधान के द्वारा उन समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयत्न किया जाता है जिनका समाधान उपलब्ध नहीं है और ना ही मनुष्य की जानकारी में है|
  •  अंग्रेजी में अनुसंधान को रिसर्च कहते हैं जो दो शब्द से मिलकर बना है: 

Research = Re + Search 

  • Re का अंग्रेजी में अर्थ होता है बार-बार तथा Search  का अर्थ है खोजना|
  • अंग्रेजी का यह शब्द बोध की प्रक्रिया को प्रस्तुत करता है कि शोधकर्ता किसी तथ्य को बार-बार देखता है जिससे उसके संबंध में प्रदत्त को एकत्रित करता है तथा उसके आधार पर उसके संबंध में निष्कर्ष निकालता है| 

अनुसंधान की परिभाषा  

सामाजिक विज्ञानों के ज्ञान कोष के अनुसार,” अनुसंधान वस्तुओं, प्रत्यय तथा संकेतों आदि को कुशलता पूर्वक व्यवस्थित करता है, जिसका उद्देश्य सामान्य करण द्वारा विज्ञान का विकास परिमार्जन तथा सत्यापन होता है, चाहे वह ज्ञान व्यवहार में सहायक हो अथवा कला में|”

एल.  वी. रेडमैन ने परिभाषा देते हुए लिखा है कि, “अनुसंधान नवीन ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक व्यवस्थित प्रयास है|” 

पीएम ट्रैवलर्स के अनुसार शैक्षिक अनुसंधान वह प्रक्रिया है,” जो शैक्षिक परिस्थितियों में एक व्यवहार संबंधी विज्ञान के विकास की ओर अग्रसर होती है|” 

टीसी क्रॉफर्ड के अनुसार,” अनुसंधान किसी समस्या के अच्छे समाधान के लिए क्रमबद्ध तथा विशुद्ध चिंतन एवं विशिष्ट उपकरणों के प्रयोग की एक विधि है|” 

मैकग्रैथ तथा वाटसन के अनुसार – अनुसंधान एक प्रक्रिया है, जिसमें खोज प्रविधि का प्रयोग किया जाता है, उसके निष्कर्षों की उपयोगिता हो, ज्ञान वृद्धि की जाए, प्रगति के लिए प्रोत्साहित करें, समाज के लिए सहायक हो तथा मनुष्य को अधिक प्रभावशाली बना सके| समाज तथा मनुष्य अपनी समस्याओं को प्रभावशाली ढंग से हल कर सके| 

अनुसंधान की विशेषताएं

  1. अनुसंधान की प्रक्रिया वैज्ञानिक, व्यवस्थित तथा सुनियोजित होती है|
  2.  अनुसंधान की प्रक्रिया से नवीन ज्ञान की वृद्धि एवं विकास किया जाता है|
  3.  शोध कार्य का आलेख सावधानीपूर्वक तैयार किया जाता है तथा शोध प्रबंध तैयार किया जाता है|
  4. अनुसंधान के द्वारा या तो किसी नए तथ्य, सिद्धांत, विधि या वस्तु की खोज की जाती है अथवा प्राचीन तथ्य सिद्धांत विधि या वस्तु में परिवर्तन किया जाता है|
  5.  अनुसंधान की प्रक्रिया में प्राथमिक अथवा माध्यमिक स्रोत से प्राप्त आंकड़ों से नए ज्ञान को प्राप्त किया जाता है| 
  6. इसमें विश्वसनीय तथा वैद्य प्रवृत्तियों को प्रयुक्त किया जाता है|
  7.  शोध कार्य में गुणात्मक तथा परिणाम आत्मक प्रदत्त की व्यवस्था की जाती है और उनका विश्लेषण करके निष्कर्ष निकाले जाते हैं|
  8.  प्रत्येक शोध कार्य की अपनी विधि तथा प्रविधियां होती हैं जो शोध के उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक होती है|
  9.  अनुसंधान की प्रक्रिया में प्रदत्त के आधार पर परिकल्पना की पुष्टि की जाती है|
  10.  इसमें सामान्य नियमों तथा सिद्धांतों के प्रतिपादन पर बल दिया जाता है|
  11.  यह तार्किक तथा वस्तुनिष्ठ प्रक्रिया है|
  12. रोशनदान द्वारा प्राप्त ज्ञान सत्यापित किया जाता है क्योंकि इसके अंतर्गत किया गया निरीक्षण नियंत्रित एवं वस्तुनिष्ठ होता है| 
  13. प्रत्येक शोध कार्य से निष्कर्ष निकाले जाते हैं और  सामान्य करण का प्रतिपादन किया जाता है |

 अनुसंधान के प्रकार 

किसी भी समस्या के समाधान अथवा किसी भी प्रश्न का उत्तर जानने के दो मुख्य कारण होते हैं-

  1. बौद्धिक – बौद्धिक कारण का संबंध मनुष्य की जिज्ञासा की प्रवृत्ति तथा ज्ञानार्जन से प्राप्त संतुष्टि की भावना से है |
  2.  व्यवहारिक –  व्यवहारिक कारण का संबंध मनुष्य की इच्छा से है जिसके द्वारा वह ज्ञान प्राप्त करके अन्य कार्यों को अधिक कुशलता पूर्वक कर सके |

उपरोक्त दोनों कारणों के आधार पर समस्त अनुसंधान ओं को दो वर्गों में विभक्त किया जाता है –

  1.  मूलभूत अनुसंधान  ( Fundamental or Basic Research) तथा 
  2. व्यावहारिक अनुसंधान (Applied Research)

मूलभूत अनुसंधान – 

  • एंड्रियास के अनुसार,”  मूलभूत अनुसंधान का मुख्य उद्देश्य नई प्ररचनाओं का निर्माण करना है|” 
  • ऐसे सभी अनुसंधान जिनके निष्कर्षों द्वारा किन्ही विशेष वैज्ञानिक नियमों का प्रतिपादन हो वह सभी मूलभूत अनुसंधान के अंतर्गत आते हैं|
  •  इस प्रकार के सभी अनुसंधान ओं का मुख्य उद्देश्य तत्वों का एकीकरण है|
  •  अनुसंधानकर्ता इन तथ्यों को उपयोगिता आदि की दृष्टि से एकत्र नहीं करता वह केवल इन तथ्यों को इसलिए एकत्रित करता है क्योंकि तथ्य एकत्रित करने योग्य है मूलभूत अनुसंधान इस प्रकार हमारे ज्ञान में वृद्धि करता है|

व्यावहारिक अनुसंधान-  एंड्रियास के अनुसार,” तथ्यों द्वारा यदि अनुसंधान कर्ता किसी क्रियात्मक समस्या का समाधान करें तो यह अनुसंधान व्यावहारिक अनुसंधान की श्रेणी में आता है” |

  • इस वर्ग में भी अनुसंधान आते हैं जिनके द्वारा किसी समस्या विशेष का समाधान आवश्यक हो व्यावहारिक अनुसंधान में विज्ञान के कुछ नियमों का किसी विशेष मामले पर प्रभाव जाना जाता है|
  • मान लीजिए हमारा उद्देश्य एक वांछित दिशा में लोगों की अभीव्रतियों के परिवर्तन की अनेक विधियों में से सर्वोत्तम विधि का चुनाव करना है तो  किस प्रकार का अनुसंधान उस में सहायक होगा?  ऐसे अवसर पर व्यावहारिक अनुसंधान के आधार पर प्राप्त निष्कर्षों द्वारा विशेष विधि के चुनाव में सहायता मिल सकती है| 

नेशनल साइंस फाउंडेशन के अनुसार अनुसंधान का वर्गीकरण निम्नलिखित ढंग से किया गया है-

  1.   मूलभूत अनुसंधान
  2.   व्यावहारिक अनुसंधान
  3.  प्रयोगात्मक अनुसंधान 

 अनुसंधान की कुछ मुख्य विशेषताएं जैसे कि अनुसंधान का विकास और मुख्य होना उसकी प्रकृति गत्यात्मक होना आधार वैज्ञानिक होना विकास अभीसंचाई होना तथा ज्ञान एवं विद्वता का  दिग्दर्शक होना इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए एडवर्ड तथा कॉन्बैट का वर्गीकरण तर्कसंगत है और इस प्रकार है-  

  1.  सर्वेक्षण अनुसंधान
  2.   प्रविधि अनुसंधान
  3.   व्यावहारिक अनुसंधान
  4.  आलोचनात्मक अनुसंधान 

सर्वेक्षण अनुसंधान -सर्वेक्षण अनुसंधान का संबंध उन समस्याओं से है जिनके अंतर्गत यह निश्चित करते हैं कि कौन सा चार अन्य चर से किस रूप में किस सीमा तक संबंधित है| इस प्रकार  चुरू की स्थिति एवं उनके संबंधों की स्थिति का सर्वेक्षण ही इसका मूल उद्देश्य होता है| 

प्रविधि अनुसंधान – प्रविधि अनुसंधान का संबंध निरीक्षण की विधियों संबंधी समस्याओं के समाधान से है| जब किसी गैर की निरीक्षण की अनेक विधियां उपलब्ध हो तो प्रविधि अनुसंधान इन विधियों का तुलनात्मक अध्ययन कर उनकी प्रभाविता का स्पष्टीकरण देता है|

व्यावहारिक अनुसंधान – व्यावहारिक अनुसंधान के अंतर्गत व्यवहारिक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करते हैं| 

आलोचनात्मक अनुसंधान – इस अनुसंधान के अंतर्गत किसी सिद्धांत से निर्गत कल्पनाओं का परीक्षण करते हैं पूर्व धारणा के अनुसार हमारा विश्वास होता है कि यह अनुसंधान इस बात की पुष्टि के लिए होता है कि क्या प्राप्त निष्कर्ष सिद्धांतिका आशाओं के अनुरूप है?

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