अनुसंधान के सोपान (Steps Of Research)

अनुसंधान एक क्रमिक प्रक्रिया है| प्रत्येक प्रकार के अनुसंधान को कुछ विशिष्ट पदों में क्रमानुसार पूर्ण किया जाता है यह पद आपस में जुड़े होते हैं|

 अनुसंधान की प्रक्रिया में 6 सोपान होते हैं जिनका अनुसरण निम्नानुसार किया जाता है –

  1. समस्या का चयन करना|
  2.  परिकल्पना का प्रतिपादन करना| 
  3.  शोध की रुपरेखा तैयार करना|
  4.  पदों का संकलन करना|
  5.  प्रदतओ का विश्लेषण करना|
  6.  सामान्यकरण तथा निष्कर्ष का प्रतिपादन करना| 
  1. समस्या का चयन करना – इस पद में समस्या का चयन किया जाता है| उसके बाद समस्या की परिभाषा दी जाती है जिससे समस्या का सीमांकन होता है, और उसे व्यावहारिक रुप दिया जाता है इसके लिए चिंतन की आवश्यकता होती है |
  1. परिकल्पना का प्रतिपादन करना – इस पद में समस्या के लिए संभावित समाधान के लिए कथन तैयार किए जाते हैं| इन्हें परिकल्पना कहा जाता है, परिकल्पना समस्या का संभावित समाधान होते हैं| 
  1. शोध की रुपरेखा तैयार करना – इस पद में परीकल्पनाओं की पुष्टि के लिए रूपरेखा तैयार की जाती है जिससे शोध विधि तथा प्र विधियों के संबंध में निर्णय लिया जाता है| प्रदत्तओ के संकलन  के लिए परीक्षाओं का चयन किया जाता है|
  1. पदों का संकलन करना – पद में प्रदत्तओ का संकलन किया जाता है| परीक्षाएं छात्रों को देकर उनका अंकन किया जाता है इस प्रकार प्रदत्तओ की व्यवस्था की जाती है| 
  1. प्रदत्तों का विश्लेषण करना – प्रदत्तों को सार्थक बनाने के लिए सांख्यिकीय पर विधियों को प्रयुक्त किया जाता है| परंतु के विश्लेषण से परिकल्पना ओं की पुष्टि की जाती है और उनके आधार पर निर्णय लिया जाता है| प्रदत्तों के विश्लेषण के परिणामों की व्याख्या की जाती है| 
  1. सामान्यीकरण तथा निष्कर्ष का प्रतिपादन करना – इस पद में प्रदत्तों के विश्लेषण एवं परिणामों के आधार पर निष्कर्षों का प्रतिपादन किया जाता है जो नवीन ज्ञान की वृद्धि करता है और इसके द्वारा क्रियाओं में सुधार एवं विकास लाया जाता है| 
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